आँखों के रोग


परिचय -  सामान्यतः आँखें हमारे पांचो ज्ञानेंद्रियों में से एक ऐसा अंग है जो की अपनी ही संरक्षण प्रणाली से संपूर्ण सुरक्षित होती है। आँखों का काम सिर्फ देखना ही नहीं है, बल्कि सारी देखी हुई जानकारियों को मस्तिष्क तक पहुँचाना भी होता है। कुदरत ने इनसान की आँखों की रचना हडीयो के ढाचो मे इस प्रकार की है की बाहरी धुल, धुआ, रेत के कन और प्रदूषण से इनकी सुरक्षा हो सके। आजकल की बदलती जीवनशैली के कारण लोगों की आँखों पर बहोत प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। पौष्टिक आहार और जीवन सत्व की शरीर मे होने वाली कमी और बदलती जीवन शैली के कारण, धूल-मिट्टी के संपर्क में आने के कारण, आग के जादा नजदीक बेठे रहने से भी रोग पैदा होते है।

लक्षण - जादातर लक्षण तो साधारन से ही होते है जैसे की आँखें सूख जाने जैसा ऐहेसास होना, पलको के नीचे सूजन या जादा लाली होना, बार बार आँखों से पानी का बहना, आँखों की पुतलीयो की शीराओ मे जादा लालीमा, पलको पर खुजली, धुंदलासा नजर आना, खुजली औऱ बार बार मल जमा होना। कूछ लक्षण बेहत ही असामान्य होते है जैसे धुप मे आँखों का लाल हो जाना, आँखों मे घाव होना, बेगना पन आदी।

भोजन और परहेज -
               बीना पाँलीश के चावल, जौ की रोटी, परवल की सबजी, बैंगन, करेला, मूली, लहसुन, मकोय पंचांग, दुध और हर प्रकार के हलके भोजन का सेवन लाभकारी है।
पत्तों का साग, दही, शराब, धुम्रपान, खट्टी चीजे, तेज रोशनी, वेग को रोकना हानिकारक होता है।


विभिन्न औषधियों से उपचार -
1 -  लार -  सूबह उठने के तूरंत बाद लार को आँखों मेें अंजन करने से आँखों मे रोग नही होते और जो हो गये  है वह मीट जाते है।

2 - त्रिफला - त्रिफला के काढे से आँखें धोने से मोतियाबिंद, लालीमा, आँख आना जैसी बीमारीया ठीक हो जाती है। त्रिफला के चुर्ण की टिकिया बनाकर बंद आँखों पर रखकर पट्टी बांधने से आँखों के तीनो दोश शांत हो जाते है।

3 - दूध -  स्त्रियों के दुध की दो बुंदे आँखों मे डालने से रक्तजन्य और वातजन्य आँखों का दर्द और सूजन मीट जाती है। स्त्रि के दूध में भीमसेनी कपूर को घोट कर आँखों मे अंजन करने से शुरवाती मोतियाबिंद ठीक हो जाता है और आँखों की रोशनी भी बढती है।

4 - नीम - कडवे नीम के बीजो को पानी मे पीस कर आँखों मे अंजन करने से आँखों मे पानी आने की बीमारी से छुटकारा मील जाता है। ताजा नीम के हरे पत्तो को बारीक पीस कर उसकी टिकिया बनाकर बंद आँखों पर रखकर पट्टी बांधने से तीनो दोशो से दुखती आँखों की पीडा मीट जाती है।

5 - आंवला - आंवले के काढे को कापड छान करके दो बूंद आँखों मे रोजाना तीन बार टपकाने से आँखों की सुजन मीट जाती है। आँवले के कोमल पत्तों कों हरड़ और रसौत मे घोटकर आँखों के उपर लेप करने से दुखती हुई आँखें ठीक हो जाती है।

6 - अनार - अनार की ताजा कोमल पत्तियां पीस कर उसकी टिकिया बनाकर बंद आँखों पर रखकर पट्टी बांधने से तीन से चार दिनों में ही आँखों के लाल होने का रोग दुर हो जाता है।

7 - फिटकरी - फिटकरी, रसौत, सेंधानमक समभाग लेकर स्त्रिके दुध मे घोट कर जरासी मात्रा मे आँखों मे अंजन करने से हर प्रकार के आँखों के रोगों मे आराम मीलता है।

8 - शहद - शुरवाती मोतियाबिंद मे निर्मली के बीज को शहद मे घीस कर आँखों मे अंजन करने से मोतियाबिंद कुछ ही दीनों मे ठीक हो जाता है।

9 - बथुआ - बथुआ के ताज पत्ते और तम्बाकू के फुल को देसी घी मे एक प्रहर तक खरल मे पीस कर आँखों मे अंजन करने से आँखों के नासूर के घाव भर जाते है।

10 - गिलोय - गिलोय और हल्दी समभाग लेकर बारीक पीस ले इस चुर्ण के चार गुना मीठा तेल और तेल से चार गुना पीनी मिलाकर मंद आंच पर रखकर पका ले जब तेल शेष रह जाये तो छान कर शीशी मे भर कर रख ले, इस तेल का नस्य लेने से आँखों के कोय का नासूर ठीक हो जाता है।


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