धनिया



विश्व मे प्राचिन काल से ही भारत देश को मसालो की भूमि के नाम से जाना जाता हैं। भोजन मे धनिया के विज एवं पत्तिया, भोजन को स्वादिष्ट एवं सुगंधित बनाने के काम आती हैं। भले ही खाने में  मिर्च-मसाला न हो लेकिन अगर धनिया पत्ती से गार्निश‍िंग की जाए तो उसके स्‍वाद और खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। धनिया तो लगभग सभी के घरों में पाया जाता हैं। कुछ लोग हरा धनिया प्रयोग करते हैं, तो कुछ हरा और सूखा दोनों। सूखे धनिये का प्रयोग जादातर मसाले के रुप में अधिक होता हैं। धन‍िया में पोटैश‍ियम, कैल्‍श्यिम, विटामिन सी और मैग्‍नीजियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं और ये सभी तत्‍व बीमारियों को कोसों दूर रखते हैं। धनिया भारत, मोरोक्को, रूस, पूर्वी यूरोपीय देश, फ्रांस, मध्य अमरीका, मेक्सिको और यू एस ए में व्यवहारीक तौर पर इसका उत्पादन किया जाता हैं। धनिया ठंण्डे स्वभाव का होता हैं। जादा सेवन से यह याददाश को कमजोर करता हैँ। इस हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए शहद का उपयोग किया जाता हैं। वेदानुसार धनिया की सेवन मात्रा 9 से 10 ग्राम होती हैं।
          धनिया मन को खुश करता हैं, दिमाग की गर्मी को कम करता हैं, उन्माद मे लाभ दायक हैं, धातु वीर्य दोषों को खत्म करती हैं, जादा नींद आती हैं, इसके काढे से कुल्ला करने से मुंह में दाने नहीं होते हैं।


धनिया के आयुर्वेदिक और औषधीय उपचार-


दस्त व कब्ज 
                हरा धनिया, कालीमिर्च,कालानमक समभाग एक चम्मच शहद के साथ चाटने से लाभ होता हैं। धनिये को मिश्री के साथ सेवन करने से उल्टी में लाभ होता हैं।


मूत्र मे जलन

               आंवला और धनिया आधा चम्मच समभाग रात मे भीगो कर सुभह मसलकर पीने से लाभ होता हैं।1 गिलास पानी में 2 चम्मच पिसा हुआ धनिया मिला लें. इसे 5 से 7 मिनट तक उबाल लें और ठंडा करके छान लें. सुबह और शाम पीने से पीशाब साफ होता हैं।


अनिद्रता 

            1 चम्मच चीनी और धनिया पानी मे घोलकर पीलानेसे अच्छी नींद आती हैं।  हरे धनिया को बारीक़ पीसकर उसमें मिश्री और पानी मिलाकर दिन में तीन बार पीने से अनिद्रा की समस्या में लाभ होता है।


मलेरीया  बुखार

             धनिया और सोंठ समभग आधा चम्मच मिलाकर शहद के शाथ रोजाना तीन बार खीलानेसे ठंड देकर आने वाला बुखार मिट जाता हैं। धनिया,सोंठ,अजवाइन आधा चम्मच समभग एक ग्राम सेंधा नमक मीलाकर चर्ण बना ले यह चुर्ण 3 बार लेने से मलरीया बुखार मे लाभ मीलता हैं।


मासिक-धर्म की अधिकता 

             4 चम्मच धनिया 2 गल्स पानी मे उबालकर 50 ग्राम शेष रह जाने पर छान कर मिश्री मीलाकर सेवन करनेसे मासिक-धर्म मे आराम मीलता हैं।


गठिया

         गठिये से परेशान मरीज़ों द्वारा नियमित रूप से धनिये का सेवन करने से लाभ मिलता हैं। साथ ही धनिये के तेल से घुटनों की मालिश करने से घुटने के दर्द में आराम मिलता हैं। हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता हैं।


थाइरोइड 


          ग्रंथि क्रिया बढ़ जाने या कम हो जाने पर पांच चम्मच खड़ा धनिया ले। इसे एक गिलास पानी में अच्छी तरह उबाल ले। इसे छानकर पीने से थाइरोइड की ग्रंथि पिघल जाएगी।

मिरगी
           एपिलेप्सी यानी मिरगी की बीमारी दूर करने के लिए धनिया बहुत ही लाभदायक होता हैं।

इसमें 50 ग्राम धनिया लेकर एक लीटर पानी में डालकर इतना उबाले की 1/4 भाग पानी बचे। इसे छानकर रख ले इसमें सेे आवश्यकतानुसार कालानमक मिलाकर इसको चार भाग कर ले। इसे दिन में चार बार पिए। इससे मिर्गी के दौरे आना बंद हो जायेंगे।

पथरी 
      एक लीटर पानी में साठ ग्राम धनिया डालकर अच्छी तरह उबाले। उबल जाने पर इसके नी को छान ले। इसके पानी में एक कप मूली का रस और आवश्यकतानुसार सेंधा नमक मिला ले। इसको खाना खाने के बाद प्रतिदिन पांच-पांच चम्मच की मात्रा में सुबह शाम ले। पथरी टुकड़े होकर निकल जाएगी। पथरी में नमक कम और पानी अधिकाधिक मात्रा में पिना चाहीये।
         सौंफ, सूखा धनिया और मिश्री तीनो 50-50 ग्राम एक लीटर पानी में भिगो दे। सुबह इसे पानी से छान ले। इसे पीसकर फिर इसी पानी में मिला ले और इसे छानकर पी जाये। अगर एक बार में ये पानी न पिया जाये तो प्यास लगने पर पिए। इसी तरह सुबह भी भिगोकर शाम को पिए। इससे पेशाब खुलकर आएगा और पथरी निकल जाएगी। पथरी निकालने के लिए जितना पानी पिए उतना फायदा करेगा। नमक का सेवन कम करे।

योनि संक्रमण 
           पेशाब में जलन, दर्द, खुजली, सूजन, घाव, संक्रमण आदि हो तो इसमें धनिया बहुत उपयोगी होता हैं।
आवंला, धनिया और मिश्री समभाग लेकर पीस ले। इसे दिन में दो-दो चम्मच सुबह शाम पानी के साथ फंकी लेने से योनि संक्रमण दूर होता हैं।



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