लहसुन के औषधीय गुण -
लहसुन -
आम तोर पर खाने मे ईसतेमाल होने वाले लहसुन के बारेमे हम कुछ कम ही जानते हे । हजारो सालो से भारतीय खाने,मसालो ओर ओषधि यो मे लहसुन को प्रयोग मे लिया जा रहा हे । लगभग हर रसोई में पाई जाने वाली ये खाद्य सामाग्री सिर्फ़ सब्ज़ियों का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है। लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है। इसे पीसने पर ऐलिसिन नामक द्रव्य प्राप्त होता है जो प्रतिजैविक विशेषताओं से भरा होता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि पदार्थ पाये जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवुम एल है।
लहसुन की तीन किस्मे होती हैं। लाल ओर सफेद एकपुती लहसुन तीनो के गुन समान होते है। इन सभी का उपयोग दाल,सबजी,चटनी,मसाले,तेल ओर दवईयो मे किया जाता हे।
विभिन्न भाषाओं में लहसुन के नाम -
संस्कृत लशुन, रसोन।
हिन्दी लहसुन।
अंग्रेजी गारलिक।
बंगाली लशुन।
मराठी लसुण।
गुजराती लसणा।
फारसी सीर ।
लैटिन एलियम सैटाइवम
आयुर्वेद मे 100 से अधिक रोगो मे लहसुन का प्रयोग किया जाता हे। उनमे से कुछ का वर्नन हम यहा करेंगे।
- खाली पेट लहसुन खाने से सबसे ज्यादा फायदा होता है। लहसुन खाने से धमनीयो मे खून का जमाव नहीं होता है और हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है। लहसुन और शहद के मिश्रण को खाने से दिल तक जाने वाली धमनियों में जमी वसा निकल जाती है। यह रक्तको पतला करता है इससे हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे लोगों को काफी मदत मीलती है।
- पेट की बीमारियां जैसे डायरिया और कब्ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है। आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक करने मे यह बहोत फायदे मंद है और भूख भी खुलकर लगती है।
- लहसुन सांस से संबंधित बीमारियों की रोकथाम में भी सहायक है। सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के इलाज में प्राकृतिक दवा की तरह काम करता है।
- लहसुन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है और कैंसर जैसे गंभीर रोग से लड़ने में शरीर की मदद करता है। चिकित्सिक पैनिक्रयाज, कोलोक्टोरल, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर में लहसुन को खाने की सलाह देते हैं।
- 5 बूंद लहसुन का रस 5 बूंद अद्रक का रस 1 चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना दो बार लेने से खाँसी ठीक हो जाती है। गले के इंफेक्शन में लाभदायक इस मिश्रण को लेने से गले का संक्रमण भी दूर होता है।
- मालिश के लिये खास लहसुन का तेल बनाया जाता हे। एक बरतन मे 250 ग्रम तिल का तेल,100 ग्रम लहसुन छिल कुट कर उसमे डाल दे फिर उसे मंद आच पर पकाये लहसुन काला पड जाने पर बरतन उतार ले तेल थंडा होने पर छान कर शिशिमे भर ले बस तेल तयार है। छोटे बच्चो से लेकर बुजुर्गो के लिये बहुत हि उत्तम है।
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