अमरूद
भारत के हर राज्य कि सबजी मंडी मे आसानी से मिलने वाला, सबका मन पसंद फल अमरूद, जाड़े की ऋतु मे यह इतना अधिक तथा सस्ता प्राप्त होता है कि लोग इसे निर्धन जनता का एक प्रमुख फल कहते हैं। यह भारत की जलवायु में इतना घुल मिल गया है कि इसकी खेती यहाँ अत्यंत सफलतापूर्वक की जाती है। कहा जाता हे कि 17 वीं शताब्दी में यह भारतवर्ष में लाया गया था। इसमें विटामिन "सी' अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन "ए' तथा "बी' भी पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना तथा फास्फोरस अच्छी मात्रा में होते हैं। इसी कारन यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक फल है।
आयुर्वेद मे इसे शीतल,तिक्ष्ण,कसेला,अम्लीय तथा वीर्यवर्ध्दक बताया गया हे। अमरूद रेचक,मधुर फल है,साथ ही यह बेहोशी,पागलपन,मिर्गी,पेट के कीडे,टायफाइड,जलन और यह त्रिदोश नशक भी हे।
विभिन्न भाषाओं में अमरूद के नाम -
संस्कृत पेरूक,अमरूफल।
हिन्दी अमरूद,सफरी,बिही।
अंग्रेजी कामन गुआवा।
बंगाली पियारा,चिचारा,गोआर्चाफल।
मराठी पेरू।
गुजराती जामफल।
लैटिन सिडियम गुआजावा।
अमरूद केवल फल-आहार ही नहीं बल्कि अपने औषधीय गुणों के कारण भी बहुत पसंद किया जाता हे। यही इसका अनोखा परीचय हे। इसके अलावा भी अमरूद में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, आइए जानते हैं, कुछ ऐसे ही गुणों के बारे में….
दात का दर्द
अमरूद की 2 कोमल पत्तिया 1 -1 लवंग,कालिमीर्च,थोडी दालचिनी ओर एक कपूर मुंमे रख चबाईये इसे चबानेसे तयार हुई लार को मुमे घुमाई ओर थूक दे। इस प्रयोग से मसुडो से खुन निकलना बंद हो जाता हे। दंत के किडे मर जाते हे। मसुडो की सुजन कम हो जाती हे।
सूखी खांसी
एक बड़ा अमरूद लेकर उसके बिज को निकाल ले, अमरूद के अंदर थोड़ी-सी जगह बनाकर अमरूद में पिसी हुई अजवायन तथा पिसा हुआ कालानमक 6-6 ग्राम की मात्रा में भर दे, इसके बाद अमरूद को मोटे कपडे मे भरकर गाठ लगा ले, ऊपर से मिट्टी चढ़ाकर तेज गर्म उपले की राख में भूने, अमरूद के भुन जाने पर मिट्टी और कपड़ा हटाकर अमरूद पीस ले। इसे सुबह-शाम आधा-आधा ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से सूखी खांसी में लाभ होता है।
जुकाम
बंद नाक,छाती मे जमा कफ,बलगम कि समस्या से निजात पाने के लिये अमरूद के बीजोके निकाल कर थोडी हलद ओर काला नमक मिलाकर खाने से जमा कफ से निजात मिलती हे।
भांग का नशा
2-4 अमरूद के पत्तों चबाकर खाने से भांग का नशा उतर जाता है। भांग पिने से हुये उपद्रव,सिर का भरी पन,बेहोशी मि़ट जाती हे।
पुराने दस्त
अमरूद की 4 कोमल पित्तयां लाकर 2 कप पनी मे उबालकर 1 चोथाइ बच जाने पर पीने से पुराने दस्त मीट जाते हे।
पेट मे गैस बनना
अदरक का रस एक चम्मच, नींबू का रस का आधा चम्मच और शहद को डालकर खाने से पेट की गैस में धीरे-धीरे लाभ होता हैं।
मुंह के छाले
अमरूद के पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
0 Comments